जेवर एयरपोर्ट के शुभारंभ के बारे में बड़ी उत्सुकता है, क्योंकि यह नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित प्रोजेक्ट है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आखिरकार इसका उद्घाटन की अंतिम तारीख घोषित कर दी है। यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े और आधुनिक हवाई अड्डों में से एक बनने जा रहा है, जिससे यात्रियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुगम, सुविधाजनक व त्वरित संपर्क मिलेगा।
जेवर एयरपोर्ट के उद्भव ने उत्तर प्रदेश को देश की हवाई यात्रा के नक्शे पर बहुत ऊपर ला दिया है। नोएडा के जेवर में बनने वाला यह एयरपोर्ट देश की आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार देगा। यहाँ पर महीनों से निर्माण कार्य चल रहा है और अब आखिरकार देश की जनता के लिए यह हवाई अड्डा खुलने जा रहा है।
इस एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल स्थानीय व्यापार और उद्योग को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यात्री सेवा, मालवाहक विमानों की आवाजाही, और तकनीकी सुविधाओं के मामले में यह एयरपोर्ट एक नए आयाम की शुरुआत करेगा।
Noida International Airport
जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर 2025 को निर्धारित किया गया है। इसके अगले 45 दिनों के भीतर यात्री विमानों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। यह एयरपोर्ट अपने पहले चरण में देश के दस प्रमुख शहरों से सीधा हवाई संपर्क शुरू करने वाला है। इनमें बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, जयपुर और गोहाटी जैसे बड़े नाम शामिल होंगे। इन शहरों से सीधा हवाई संपर्क स्थापित होने के साथ यहां से यात्रियों को देशभर में यात्रा करना बेहद आसान हो जाएगा।
हवाई सेवा के लिए प्रमुख एयरलाइंस इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस से बातचीत हो चुकी है। इन कंपनियों ने यहां उड़ानें संचालित करने के लिए विशेष रुचि जताई है। सबसे पहली सेवा घरेलू यानी डोमेस्टिक फ्लाइट्स से होगी, बाद में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू होने की संभावना है।
सरकार और अन्य योजनाएँ
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण सरकारी और निजी सहयोग से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और स्विस कंपनी के साथ समझौता हुआ है। जमीन अधिग्रहण, पुनर्वास, और सामाजिक पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं। कई गांवों को स्थानांतरित कर नई टाउनशिप बसाई गई है ताकि प्रभावित परिवारों को पुनर्स्थापित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने विशेष आवास और निवेश योजनाएँ शुरू की हैं। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) प्लॉट्स और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च कर चुका है जिससे स्थानीय नागरिकों, निवेशकों और व्यापारियों को लाभ मिलेगा। एयरपोर्ट के आसपास औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रमुख सुविधाएं और विस्तार योजना
जेवर एयरपोर्ट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। पहले चरण में एक टर्मिनल और एक रनवे तैयार किए गए हैं, जो सालाना लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। इसी के साथ, यहाँ पर 28 विमान स्टैंड, 80 एकड़ में मल्टी-मॉडल कार्गो हब और 40 एकड़ में रखरखाव, मरम्मत व ओवरहाल फैसिलिटी विकसित की गई है।
आगामी वर्षों में एयरपोर्ट के विस्तार के लिए चार चरणों की योजना बनाई गई है। अंतिम चरण में इसकी क्षमता सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। यहाँ कार्गो कनेक्टिविटी को भी प्राथमिकता दी गई है ताकि औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिले और वस्तुओं का आवागमन तीव्र हो। एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों के लिए वाई-फाई, लाइब्रेरी, बच्चों के लिए किड जोन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
हवाई सेवा शुरू होने का लाभ
जेवर एयरपोर्ट शुरू होते ही उत्तर भारत की यात्रा परिदृश्य बदल जाएगा। दिल्ली एनसीआर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नागरिकों को हवाई यात्रा के लिए अब दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भरता कम होगी। कई कंपनियां जेवर एयरपोर्ट के जरिए सीधे अपने उद्योग, व्यापार व रोजगार के अवसर बढ़ा सकेंगी।
पेड़ों की भरपाई, स्थानीय समाज को पुनर्स्थापित करने की योजना, और यात्रियों की सुख-सुविधा के लिए निर्मित सुविधाएं इस योजना की विशेषता हैं। साथ ही, सरकार ने ऊंचाई नियंत्रण, ग्रीन जोन और रियल एस्टेट नियमों में बदलाव भी किए हैं ताकि विकास संतुलित रहे।
निष्कर्ष
जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश और देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। 30 अक्टूबर के बाद अगले 45 दिनों में दस शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो जाएंगी और क्षेत्र के विकास के नए द्वार खुलेंगे। इससे रोजगार, व्यापार, हवाई यात्रा की सुविधा व सामाजिक समृद्धि को नई गति मिलेगी।