भारत सरकार और डाकघर कई बचत योजनाएँ चलाते हैं, जिनका उद्देश्य आम नागरिक को सुरक्षित निवेश का साधन देना है। इन्हीं योजनाओं में से एक है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) योजना। यह योजना लंबे समय तक बचत करने वालों के लिए न केवल सुरक्षित है बल्कि भविष्य में बेहतर रिटर्न भी देती है। यह एक सरकारी गारंटी वाली स्कीम है, इसीलिए इसमें जोखिम न के बराबर होता है और निवेशक को निश्चित लाभ मिलता है।
लोग अक्सर अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ऐसी योजना की तलाश करते हैं जो टैक्स में छूट दे सके, रिटर्न अच्छा दे और साथ ही बचत की आदत बनाए। पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम इन्हीं कारणों से वर्षों से सबसे लोकप्रिय विकल्पों में गिनी जाती है। इसमें निवेशक को सरकार द्वारा तय ब्याज दर मिलती है और परिपक्वता पर मोटी रकम हाथ में आती है।
अगर कोई व्यक्ति हर साल मात्र 25,000 रुपये जमा करता है, तो इस योजना के तहत 15 साल बाद उसके पास लगभग 6.78 लाख रुपये की राशि हो जाएगी। यह आंकड़ा दिखाता है कि छोटी-सी बचत लंबे समय में बड़ी पूंजी का रूप ले सकती है।
Post Office PPF Scheme
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम 1968 में शुरू की गई थी और इसका संचालन डाकघर और बैंकों के जरिए किया जाता है। यह स्कीम खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो अपने भविष्य, सेवानिवृत्ति या बच्चों की पढ़ाई और शादी जैसे बड़े खर्चों के लिए सुरक्षित पूंजी जमा करना चाहते हैं।
पीपीएफ एक लॉन्ग-टर्म निवेश योजना है, जिसकी मूल लॉक-इन अवधि 15 साल है। यानी, एक बार निवेश शुरू करने के बाद आपको पूरी राशि 15 साल पूरे होने पर ही मिलेगी। हालांकि, 7वें साल से आंशिक निकासी का विकल्प भी उपलब्ध होता है।
यह योजना पूरी तरह से सरकार की गारंटी में आती है, इसलिए इसमें जमा धनराशि सुरक्षित रहती है। इसमें मिलने वाला ब्याज दर सरकार हर तिमाही तय करती है और फिलहाल यह 7.1% सालाना है।
निवेश और लाभ की गणना
अगर कोई निवेशक हर साल 25,000 रुपये इस स्कीम में जमा करता है, तो कुल 15 साल की अवधि में उसने 3,75,000 रुपये का निवेश किया होगा। इस निवेश पर सरकार की ओर से दिए जाने वाले 7.1% ब्याज (चक्रवृद्धि) के साथ यह राशि बढ़कर लगभग 6.78 लाख रुपये हो जाएगी।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पीपीएफ का लाभ चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से समय के साथ तेजी से बढ़ता है। यानी जितना लंबा समय आप इसमें निवेश करते हैं, उतना ही अधिक फायदा मिलता है।
कर लाभ और अन्य फायदे
पीपीएफ स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें जमा राशि पर आयकर में छूट मिलती है। आयकर कानून की धारा 80C के तहत इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट उपलब्ध होती है।
यानी जो राशि आप इसमें जमा करते हैं, उस पर न केवल ब्याज और अंतिम रिटर्न टैक्स-फ्री है, बल्कि आप सालाना कर में भी बचत कर सकते हैं। इसीलिए इसे ईईई (एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट) श्रेणी में रखा गया है।
इस योजना में न्यूनतम निवेश 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक किया जा सकता है। इसे आप मासिक, तिमाही या सालाना किसी भी रूप में जमा कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आपको नजदीकी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में जाना होगा। वहां पर आवेदन पत्र भरकर जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं।
आवेदन के लिए आपको पहचान पत्र, पते का प्रमाण और पासपोर्ट आकार के फोटो देने होंगे। इसके साथ ही न्यूनतम राशि जमा करके खाता खोला जा सकता है। आजकल कई बैंकों और डाकघरों में यह सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
क्यों चुनें पीपीएफ
जो लोग सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उनके लिए पीपीएफ सबसे भरोसेमंद स्कीम है। यहाँ बाजार की अस्थिरता का कोई जोखिम नहीं होता और सरकार की गारंटी भी मिलती है।
छोटे निवेश से लंबे समय में बड़ी पूंजी तैयार करना और साथ ही टैक्स बचाना इस योजना को खास बनाता है। इसे पेंशन जैसी निश्चित रकम जुटाने के लिए भी समझा जा सकता है।
निष्कर्ष
डाकघर की पीपीएफ स्कीम में अगर आप हर साल 25,000 रुपये निवेश करते हैं, तो 15 साल बाद आपको लगभग 6.78 लाख रुपये मिल सकते हैं। यह योजना न केवल सुरक्षित है बल्कि कर लाभ और बेहतर ब्याज भी देती है। छोटे-छोटे निवेश भविष्य में आर्थिक सुरक्षा का बड़ा आधार बन सकते हैं।